आज़ादी से पहले Junior Commissioned Officer को Viceroy’s Commissioned Officer (VCOs) के नाम से जाना जाता था। Viceroy’s Commissioned Officer (VCOs) शब्द का अभी भी Indian Reserve Forces Rules, 1925 में उपयोग होता है, जो की Defence Services Regulation, Regulation for the Army, 1987 के पैरा 201 बर्णनित किया गया है, जबकि Territorial Army Act, 1948 की धारा 5(b) के अनुसार, VCOs को Junior Commissioned Officer (JCOs) द्वारा Replace किया गया है, जिन्हें Officer के रूप में परिभाषित किया गया है, जो अभी भी कानूनी तोर पर लागू है। यह भी स्पष्ट है कि JCO की Gazetted Status और Commissions में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, जो Army Act, 1950 की धारा 3(xii) & 10 और Defence Services Regulation, Regulation for the Army, 1987 के पैरा 151 द्वारा निर्देशित किया जाता है, यानी माननीय राष्ट्रपति पार्चमेंट कमीशन के माध्यम से Junior Commissioned Officer को कमीशन प्रदान करते हैं और JCOs के पदोन्नति को Gazetted Status का प्रभाव देने के लिए भारत के राजपत्र (Gazette of India) में अधिसूचित (Notify) करने का आदेस देते हैं।
JCOs Table of Contents
Resolution of dispute on Gazetted Status: Hon’ble CIC order / गैजेटेड स्थिति पर विवाद का समाधान: माननीय सीआईसी का आदेश
21 मार्च 2014 को Priyadarsan Pradhan बनाम DoPT के मामले में माननीय सीआईसी के आदेश ने एक कर्मचारी की गैजेटेड स्थिति (Gazetted Status) के संबंध में एक गलतफहमी को दुर करते हुए में यह आदेश जारी किया “गजटेड या गैर-गजटेड पदों की स्थिति संबंधित भर्ती नियमों और सेवा नियमों में उपलब्ध होती है, और इस संबंधित विभाग के पास इस संबंध में जानकारी होनी चाहिए।” वर्तमान जवाबदेहों ने स्वीकार किया कि जूनियर कमीशन ऑफिसर्स (JCOs) कानून द्वारा गजटेड अधिकारी होते हैं, लेकिन उन्होंने गजटेड अधिकारियों को दी गई वेतन स्वीकृत नहीं की।
Authority for Declaration of Gazetted Status / गजटेड स्थिति की घोषणा के लिए प्राधिकरण।
Government of India (Allocation of Business) Rules, 1961 के अनुसार, डीपीओटी ही एकमात्र प्राधिकरण है, जिसे सेवाओं के संबंध में पद की श्रेणीकरण और गजटेड स्थिति की प्रदान के संबंध में सामान्य नीति विषयों को जारी करने की अधिकारिता है, जो रेलवे सेवाओं के अलावा अन्य सेवाओं के संबंध में है।
Minimum Pay of a Gazetted Employees/राजपत्रित के कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन।
5वां सीपीसी ने राजपत्रित/गैर-राजपत्रित वर्गीकरण को समाप्त करने की प्रस्तावना की थी, इसलिए जेसीओ (JCO) के लिए राजपत्रित वेतन को ध्यान में नहीं लिया गया था। हालांकि, सरकार ने उक्त सिफारिश को स्वीकार नहीं किया और किसी भी पोस्ट/ग्रेड की राजपत्रित वर्गीकरण को समाप्त नहीं किया। इस प्रकार, DoPT तथा रक्षा मंत्रालय दोनों स्वीकार करते हैं कि राजपत्रितअधिकारी की न्यूनतम वेतन स्थिति की Grade Pay Rs. 4800/- (अब वेतन स्तर 8/Pay Level 8) है जिसमें पे बैंड में न्यूनतम वेतन Rs.13,360/- है (अब Rs. 47,600/- )।
DoPT Orders Applicable to Armed Forces / DoPT आदेश का आदेश सशस्त्र बलों पर लागू है
यह सर्वमान्य है कि DoPT आदेश सशस्त्र बलों पर लागू होते हैं।। सीजीडीए, नई दिल्ली पत्र दिनांक 26.05.2020 ने पुष्टि की थी कि DoPT के आदेश सीजीडीए पर लागू होते हैं। प्रस्तुत है कि सीजीडीए सबसे उच्च वेतन वितरण प्राधिकरण है और DSR 1987 के पैरा 562 के अनुसार, सीजीडीए ही सरकारी आदेशों की व्याख्या करने का एकमात्र प्राधिकरण है।
Gazetted Status of Armed Forces Personnel / सशस्त्र बलों के कर्मियों का गजेटेड दर्जा
रक्षा मंत्रालय ने कार्यालय ज्ञापन दिनांक 11.04.2001 के माध्यम से सूचित किया है कि DoPT ने स्पष्ट किया है कि सिविल पदों का वर्गीकरण ग्रुप ‘A’, ‘B’, ‘C’ और ‘D’ में वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया था और यह सशस्त्र बलों के कर्मियों पर लागू नहीं होता है, जिन्हें कमीशंड अधिकारी और गैर-कमीशंड अधिकारी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जबकि, DoPT का बयान पूरी तरह से अलग और रक्षा मंत्रालय द्वारा उद्धृत स्पष्टीकरण के विपरीत है जैसा कि DoPT के पत्र दिनांक 13.03.2014 के माध्यम से सूचित किया गया है, अर्थात छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद, पदों का वर्गीकरण ग्रेड पे के आधार पर किया जाता है। यह पदों को केवल ग्रुप A, B, C और D में वर्गीकृत करता है। गजेटेड या गैर-गजेटेड के रूप में कोई वर्गीकरण नहीं है। इस विभाग द्वारा विभिन्न गजेटेड और गैर-गजेटेड ग्रुप ‘B’ पदों के विवरण या ऐसे पदों की सूची के बारे में कोई जानकारी प्रदान करने का आदेश जारी नहीं किया गया है। किसी विशेष पद का गजेटेड या गैर-गजेटेड पद के रूप में वर्गीकरण संबंधित पद के भर्ती नियमों/सेवा नियमों में उपलब्ध होगा और जानकारी संबंधित विभाग के पास उपलब्ध होगी।
अतः, यह बहुत आवश्यक है कि कानून के महत्वपूर्ण प्रश्न का उत्तर वर्तमान विधियों और सेवा नियमों के प्रकाश में दिया जाए, अर्थात क्या JCO गजेटेड अधिकारी की परिभाषा के अंतर्गत आता है।
- The Indian Army Act, 1911
- The Territorial Army Act, 1948.
- The Bill of Indian Army (Amendment) Act, 1934.
- The National Service (Temporary and Released Persons) Rules 1948.
- The Indian Reserve Force Rules 1925.
- The Army Act 1950 (Original and Amended).
- The Air Force Act 1950.
- The Navy Act 1957.
- Regulations for the Army 1987 (Revised).
- Regulation for the Air Force 2000 (Revised).
Terms Before Independence and After Independence / आज़ादी से पहले और आज़ादी के बाद के शब्द

Rank & Status of Army Officers Before Independence / स्वतंत्रता से पहले सैन्य अधिकारियों की रैंक और स्थिति
भारतीय कमीशन अधिकारी (Indian Commissioned Officers (ICOs)) और वाइसराय कमीशन अधिकारी (Viceroys Commissioned Officers (VCOs) जो की बाद में JCOs कह लाए।) को ‘अधिकारी (Officer)’ के रूप में परिभाषित किया गया था और वे ‘भारतीय अधिकारियों (Indian Officer)’ से पुष्टि किया गया था। दोनों अधिकारी, पिछले 150 वर्षों में स्थापित अधिनियमों ((Act) विनियमों (Regulations) के अनुसार, राजपत्रित अधिकारी (Gazetted Officer) होते हैं, जैसे Indian Reserve Force Act, 1888 से लेकर Regulation for Air Force, 2002 (संशोधित), जो अभी भी कानूनी तोर पर लागू हैं।
Indian Army Act, 1911 (संक्षेप में IAA) की धारा 7(5) के अनुसार, “अधिकारी (Officer) का अर्थ ब्रिटिश अधिकारी (British Officer) और भारतीय अधिकारी (Indian Officer) होता है (भारतीय कमीशन अधिकारी को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है, ICOs और VCOs, जिन्हें अलग-अलग समझाया जाएगा), लेकिन इसमें Warrant Officer या Non-Commissioned Officer शामिल नहीं हैं। इस धारा में उपयोग किए गए प्रत्येक शब्द को कानून में अलग-अलग परिभाषित किया गया है।
IAA 1911 की धारा 7(2) के अनुसार, “भारतीय अधिकारी का अर्थ है एक ऐसा व्यक्ति जिसे कमीशन (Commission) प्राप्त हुआ हो, राजपत्रित (Gazetted) किया गया हो या अधिकारी के रूप में वेतन प्राप्त कर रहा हो, जो His Majesty’s Indian Forces में एक भारतीय रैंक धारण कर रहा हो।” कानून से यह स्पष्ट है कि ‘कमीशन (Commissioned)’ और ‘राजपत्रित (Gazetted)’ दोनों ही एक अधिकारी के लिए अनिवार्य शर्तें हैं, जबकि ‘अधिकारी के रूप में वेतन प्राप्त करना (Pay as Officer)’ केवल राजपत्रित स्थिति के लिए एक वैकल्पिक प्रावधान है। वर्तमान मामले में मुख्य मुद्दा यह है कि क्या राजपत्रित स्थिति और वेतन एक-दूसरे के साथ संगत हैं या एक-दूसरे का उल्लंघन करते हैं।
अनिवार्य शर्तें : ‘कमीशंड और राजपत्रित’।
1911 का भारतीय सेना अधिनियम, जो सभी सशस्त्र बल अधिनियमों के लिए आधारभूत कानून है, स्पष्ट रूप से बताता है कि एक “भारतीय अधिकारी” को दो आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए: उन्हें कमीशंड और राजपत्रित दोनों होना चाहिए। उस समय, 1911 के भारतीय सेना अधिनियम ने यह निर्दिष्ट नहीं किया था कि कमीशन और राजपत्रित रैंक प्रदान करने का अधिकार किसके पास है। 1934 के भारतीय सेना (संशोधन) अधिनियम ने यह स्पष्ट किया कि कमीशन और राजपत्रित रैंक प्रदान करने का अधिकार किसके पास है|
कमीशंड:
पहली बार, 1934 के भारतीय सेना (संशोधन) अधिनियम के विधेयक ने कमीशन को दो श्रेणियों में परिभाषित किया: His Majesty (King’s Commission) द्वारा दिए गए कमीशन को भारतीय कमीशन अधिकारी (ICOs) कहा गया और वायसराय (Viceroy) द्वारा दिए गए कमीशन को वायसराय कमीशन अधिकारी (VCOs) कहा गया। वायसराय के पद को समाप्त करने के बाद, VCOs को जूनियर कमीशन अधिकारी (Junior Commissioned Officer (JCOs)) कहा गया। यद्यपि कमीशन को ICOs और VCOs के रूप में वर्गीकृत किया गया था, कमीशन प्राप्त करना और राजपत्रित होने की अनिवार्य शर्तें दोनों के लिए मूल अधिनियम यानी IAA 1911 और उसके बाद के अधिनियमों, नियमों और विनियमों में सम्मिलित की गई थीं, जो अब सेना अधिनियम 1950 की धारा 3(xii) और 10 और सेना के लिए विनियम, 1987 के पैरा 151 द्वारा शासित हैं।
Commissioned Officer Form
सेना अधिनियम, 1950 की धारा 10 के अनुसार, राष्ट्रपति किसी भी व्यक्ति को, जिसे वह उपयुक्त समझते हैं, एक Officer या Junior Commissioned Officer के रूप में कमीशन दे सकते हैं या नियमित सेना के किसी व्यक्ति को वारंट अधिकारी के रूप में नियुक्त कर सकते हैं। JCO के कमीशन का रूप सेना के लिए विनियम, 1987 के पैरा 151 में निर्दिष्ट है और Commission Officer का फॉर्म भी उसी से लिया गया है।
No JCO in Air Force & Navy / नौसेना और वायु सेना मैं JCO रैंक नहीं होती
नौसेना अधिनियम, 1957 और वायु सेना अधिनियम, 1950 में JCO को परिभाषित नहीं किया गया है क्योंकि इन बलों में JCO रैंक नहीं होती और वारंट अधिकारी को JCO के रूप में प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता। JCO और वारंट अधिकारी की रैंक प्राथमिकता सेना के लिए विनियम, 1987 के पैरा 136 और भारतीय वायु सेना के लिए विनियम, 2002 के पैरा 31 में निर्दिष्ट की गई है। दूसरे शब्दों में, JCO कमीशंड होते हैं, जबकि वारंट अधिकारी कमीशंड नहीं होते।
Gazetted/राजपत्रित:
IAA 1911 ने स्वयं VCOs (अब JCOs) को राजपत्रित स्थिति प्रदान की। The National Service (Temporary and Released Persons) Rules 1948 के नियम 10 (राजपत्रण, नियुक्ति और नामांकन) के अनुसार, जब कोई व्यक्ति Indian Land Force में राष्ट्रीय सेवा के लिए रिपोर्ट करता है, तो उसे भारतीय कमीशन अधिकारी या वायसराय कमीशन अधिकारी के रूप में राजपत्रित किया जाएगा।
Viceroy’s Commissioned Officer (VCOs) & Junior Commissioned Officer (JCO)
बिना किसी वैधानिक संशोधन के, Viceroy’s Commissioned Officer को Junior Commissioned Officer (JCO) के रूप में जाना गया और यह पद Army Act, 1950 की धारा 3(xii) में परिभाषित किया गया, यानी “जूनियर कमीशन अधिकारी का अर्थ है एक व्यक्ति जो नियमित सेना या भारतीय रिजर्व बलों में जूनियर कमीशन अधिकारी के रूप में Commissioned, Gazetted या वेतन पर है, और इसमें भारतीय अनुपूरक रिजर्व बलों या प्रादेशिक सेना में जूनियर कमीशन धारण करने वाला व्यक्ति शामिल है, जो इस अधिनियम के अधीन है।” Army Act 1950 ने JCOs की स्थिति को किसी भी प्रकार से कम नहीं किया। यह एक बार फिर से स्पष्ट है कि ‘कमीशन प्राप्त’ और ‘राजपत्रित’ दोनों ही JCO के लिए अनिवार्य शर्तें हैं, जबकि ‘अधिकारी के रूप में वेतन (Pay as JCO)’ केवल राजपत्रित स्थिति के लिए एक वैकल्पिक प्रावधान है। वर्तमान मामले में मुख्य मुद्दा यह है कि क्या राजपत्रित स्थिति और वेतन एक-दूसरे के साथ संगत हैं या एक-दूसरे का उल्लंघन करते हैं।
आज़ादी से पहले Junior Commissioned Officer को Viceroy’s Commissioned Officer (VCOs) के नाम से जाना जाता था। Viceroy’s Commissioned Officer (VCOs) शब्द का अभी भी Indian Reserve Forces Rules, 1925 में उपयोग होता है, जो की Defence Services Regulation, Regulation for the Army, 1987 के पैरा 201 बर्णनित किया गया है, जबकि Territorial Army Act, 1948 की धारा 5(b) के अनुसार, VCOs को Junior Commissioned Officer (JCOs) द्वारा Replace किया गया है, जिन्हें Officer के रूप में परिभाषित किया गया है, जो अभी भी कानूनी तोर पर लागू है। यह भी स्पष्ट है कि JCO की Gazetted Status और Commissions में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, जो Army Act, 1950 की धारा 3(xii) & 10 और Defence Services Regulation, Regulation for the Army, 1987 के पैरा 151 द्वारा निर्देशित किया जाता है, यानी माननीय राष्ट्रपति पार्चमेंट कमीशन के माध्यम से Junior Commissioned Officer को कमीशन प्रदान करते हैं और JCOs के पदोन्नति को Gazetted Status का प्रभाव देने के लिए भारत के राजपत्र (Gazette of India) में अधिसूचित (Notify) करने का आदेस देते हैं।
वैकल्पिक प्रावधान: अधिकारी के रूप में वेतन।
यह राजपत्रित स्थिति (Status of Gazetted Officer) के लिए एक वैकल्पिक प्रावधान है, यानी महामहिम की भारतीय सेना में एक भारतीय रैंक धारण करने वाले अधिकारी के रूप में वेतन, जैसा कि IAA 1911 में परिभाषित है, जिसे सेना अधिनियम, 1950 की धारा 3(xii) में JCO की परिभाषा में शामिल किया गया है। इसलिए, वेतन राजपत्रित स्थिति निर्धारित करने के लिए एक वैकल्पिक तत्व है और यह राजपत्रित स्थिति के विपरीत नहीं हो सकता। यह स्पष्ट है कि कमीशन एक अनिवार्य तत्व है और राजपत्रित स्थिति को वेतन द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है। यह स्पष्ट है कि वेतन न तो राजपत्रित स्थिति प्रदान कर सकता है और न ही कमीशंड स्थिति। वेतन केवल राजपत्रित स्थिति के अनुरूप है।
वैकल्पिक प्रावधान यानी नियमित सेना या भारतीय रिजर्व बलों में जूनियर कमीशन अधिकारी के रूप में वेतन, संशोधित आश्वस्त कैरियर प्रगति योजना (Modified Assured Career Progression Scheme) की शुरुआत पर वास्तव में लागू किया गया था, जिसमें आवेदक को Nb Sub ग्रेड के लिए वित्तीय उन्नयन प्रदान किया गया था, लेकिन प्रदान किया गया वेतन Nb Sub की राजपत्रित स्थिति के बिल्कुल विपरीत है, जो वर्तमान मामले में न्यायाधीन है। इसलिए, JCO के रूप में वेतन राजपत्रित स्थिति के अनुरूप होना चाहिए और JCO के रूप में वेतन अधिनियम की अनिवार्य शर्त यानी राजपत्रित के विपरीत नहीं हो सकता। हालांकि, ‘JCO का वेतन’ और ‘JCO के रूप में वेतन’, जैसा कि प्रशासनिक आदेशों के माध्यम से प्रशासनिक प्राधिकरणों द्वारा भुगतान किया गया है, राजपत्रित स्थिति और अधिनियम के विपरीत हैं, इसलिए ‘JCO का वेतन’ और ‘JCO के रूप में वेतन’ दोनों प्रारंभ से ही शून्य हैं।
Government Decision on Pay Fixation/सशस्त्र बलों के वेतन निर्धारण पर सरकार का निर्णय।
6th Central Pay Commission
6वें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट के पैरा 2.3.25 में सिफारिश की है कि “PBOR के मामले में नागरिक वेतनमानों का विस्तार करने की आवश्यकता होगी”। सरकार ने 30.08.2008 की प्रस्तावना द्वारा 6वें वेतन आयोग की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है और निर्देश दिया है कि “01.01.2006 को संशोधित वेतन संरचना में प्रारंभिक वेतन निर्धारण के सामान्य सिद्धांत, […], भारत सरकार की अधिसूचना संख्या GSR 622(E) दिनांक 29 अगस्त, 2008, जिसे केंद्रीय सिविल सेवा (संशोधित) वेतन नियम, 2008 कहा जाता है, के अनुसार होंगे।”
Calculation of Grade Pay in 6th CPC
हालांकि, बिना किसी वैधानिक नियमों को बनाये, किसी भी गणना के बिना और सिविल सेवाओं के सामान्य सिद्धांतों को लागू किये बिना यानी पहले 5वें वेतन आयोग के पूर्व संशोधित वेतन संरचना को उन्नत करें, फिर वेतनमान का 40% ग्रेड पे की गणना करें। उत्तरदाताओं को जबरन एक निम्न दर का वेतन दिया गया है जो कि राजपत्रित रैंक के लिए लागू नहीं है।
असंवैधानिक तरीके से JCOs के वेतन को ग्रेड पे 4200/- के साथ 9,360/- मूल वेतन में तय किया है, जबकि ग्रेड पे 4800/- के साथ न्यूनतम मूल वेतन 13,350/- (7वें वेतन आयोग में वेतन स्तर 8 के साथ न्यूनतम वेतन ₹47,600/-) होना चाहिए था जो कि सभी केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और रक्षा बजट से वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों द्वारा प्राप्त होता है।
प्रशासनिक कार्यालय द्वारा न्यूनतम वेतन ₹9,360/- निर्धारित करने के लिए अपनाई गई कोई भी गणना न तो वेतन आयोग द्वारा सिफारिश की गई थी और न ही सरकार द्वारा अनुमोदित की गई थी। किसी भी तरह से, 6वें वेतन आयोग की सिफारिश और सरकार के निर्णय के अनुसार, JCO का न्यूनतम वेतन ₹10,460/- (5620×1.86) प्राप्त हुआ। ₹10,460/- से कम का कोई भी भुगतान कल्याणकारी देश में आर्थिक शोषण के समान है।
वायु सेना का MWO जो कि एक वारंट अधिकारी है और JCO से निम्न रैंक का है, उसे राजपत्रित अधिकारी के न्यूनतम वेतन यानी ग्रेड पे 4800/- के साथ न्यूनतम मूल वेतन ₹13,350/- (7वें वेतन आयोग में वेतन स्तर 8 के साथ न्यूनतम वेतन ₹47,600/-) प्रदान किया गया है। जबकि Nb Sub जो कि 1988 से कानूनन JCO है, को मनमाने और असंवैधानिक रूप से राजपत्रित रैंक के न्यूनतम वेतन से वंचित किया गया है, प्रशासनिक आदेश द्वारा जो कि बिना किसी गणना के और प्रारंभ से ही शून्य हैं।
आज के दिन मैं Pay Regulations
PBOR का वेतन “JCOs और OR के लिए वेतन और भत्ते विनियम, 1979” द्वारा शासित है। यद्यपि तीन वेतन आयोग (यानी 4था वेतन आयोग, 5था वेतन आयोग और 6था वेतन आयोग) पहले ही लागू हो चुके हैं, लेकिन कहा गया वेतन विनियम 1979 अभी तक संशोधित नहीं किया गया है जैसा कि MoD (सेना) के पत्र दिनांक 23.01.2015 में सूचित किया गया है। यह मामला पहली बार न्यायिक समीक्षा के लिए OA संख्या 1096/2015 में प्रियदर्शन प्रधान बनाम UOI के मामले में आया और आदेश दिनांक 18.12.2015 के माध्यम से, माननीय AFT ने कहा कि “यह मुद्दा गंभीर विचार की आवश्यकता है और प्रश्न उठता है कि क्या सरकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 73 में दिए गए अपने कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग कर सकती है जिसके लिए संसद ने नियम और विनियम बनाते हुए कानून पारित किया है।”
सभी कार्यकारी आदेश जो वैधानिक भर्ती नियमों और वेतन नियमों के स्थान पर जारी किए गए थे, भारत के समेकित कोष से व्यय किए गए थे। इसलिए, सभी कार्यकारी आदेश प्रारंभ से ही शून्य थे क्योंकि ये कार्यकारी आदेश भारत के संविधान के अनुच्छेद 266 का उल्लंघन करते हुए जारी किए गए थे और सरकार के प्रस्ताव के साथ-साथ आवेदक के मौलिक अधिकारों “समानता के अधिकार” का उल्लंघन करते हुए जारी किए गए थे, जो कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत गारंटी दी गई है।
Government Declaration in Parliament
SAI/1/S/2008, जो किसी भी गणना के बिना बनाया गया है जैसा कि रक्षा मंत्रालय ने स्वीकार किया है और दावा किया कि Service HQ ने प्रशासनिक आदेश तैयार किया है। जबकि, Service HQ में मामले की प्रक्रिया के दौरान, Service HQ ने दावा किया कि Army Pay Rules, 2017 रक्षा मंत्रालय द्वारा बिना Service HQ से परामर्श के जारी किए गए थे। जो भी हो, संसद के सामने सरकार ने घोषणा की थी कि “रक्षा सेवा कर्मियों की स्थिति उनके सिविलियन समकक्षों के बराबर है जैसा कि ‘प्रथमता तालिका’ के अनुसार” और यह भी प्रस्तावित किया था कि “संशोधित वेतन संरचना में प्रारंभिक वेतन निर्धारण का सामान्य सिद्धांत 01.01.2008 को केंद्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 के अनुसार होगा, जिसे राजपत्र अधिसूचना संख्या GSR 622(E) दिनांक 29.08.2008 में अधिसूचित किया गया है“। इसलिए, JCOs को राजपत्रित स्थिति (Gazetted Status) वेतन यानी ग्रेड पे 4800/- के साथ न्यूनतम मूल वेतन ₹13,350/- (7वें वेतन आयोग में वेतन स्तर 8 के साथ न्यूनतम वेतन ₹47,600/-) लागू किया जाना चाहिए।
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