वर्ष 1923 में ब्रिटिश अधिकारियों की नज़र में भारतीय अधिकारी (JCO) : JCO Rank Status की कानूनी प्रक्रिया के 100 साल – सबसे लंबी चलने वाली कानूनी लड़ाई!
साल 1923, जब ब्रिटिश सेना में जूनियर कमीशंड अधिकारियों (JCO), जिन्हें उस समय भारतीय अधिकारी कहा जाता था, को उच्च प्रशासनिक पदों के लिए अयोग्य माना जाता था। ब्रिटिश क्वार्टरमास्टर-जनरल के अनुसार, भारतीय अधिकारी आमतौर पर अशिक्षित पृष्ठभूमि से आते थे, और उनकी सैन्य शिक्षा व प्रशिक्षण सीमित होने के कारण, वे कैंटोनमेंट मजिस्ट्रेट जैसे महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी निभाने के योग्य नहीं थे।


100 साल पुरानी कानूनी प्रक्रिया – क्या अब भी खत्म नहीं हुई?
ब्रिटिश सैन्य परिषद ने यह फैसला लिया था कि भारतीय अधिकारियों को केवल अतिरिक्त सहायक कैंटोनमेंट मजिस्ट्रेट जैसे अधीनस्थ पदों पर ही रखा जाएगा, क्योंकि वे स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने योग्य नहीं माने जाते थे। यही मानसिकता आगे चलकर JCO रैंक के दर्जे और अधिकारों पर लंबी कानूनी प्रक्रिया का कारण बनी, जो आज 100 साल बाद भी पूरी तरह सुलझी नहीं है!

JCO Status: सबसे लंबी चलने वाली कानूनी लड़ाई!
JCO रैंक का दर्जा और अधिकारों की कानूनी लड़ाई शायद सबसे लंबी चलने वाली प्रक्रियाओं में से एक बन चुकी है। 1923 में ब्रिटिश अधिकारियों ने जो भेदभाव किया, उसकी छाया आज भी देखी जा सकती है। सवाल यह है—क्या 100 साल बाद भी JCO रैंक को उसका सही दर्जा मिल पाया है?
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बहुत ही पुरानी तथ्यात्मक जानकारी है। Well done Military info.