Nb Sub गजेटेड रैंक : Grade Pay 4800 (Pay Level 8)
RTI में ये बात सामने आई है कि Army HQ ने JCO Gazetted Pay स्वीकार कर लिया है और फॉर्मर डिफेंस मिनिस्टर भी अपने DO लेटर में इसका जिक्र कर चुके हैं 📝। लेकिन फिर सवाल यह उठता है कि आखिर वो कौन लोग हैं जो इस हक को रोक रहे हैं? 🤔 सच कहें तो, यह सवाल उतना सही नहीं है। असल में, आपने खुद ही इसे अभी तक सही से माँगा नहीं है। यह कहना गलत होगा कि किसी ने आपके जायज़ हक को रोक रखा है। यह तो वही चिरंतन सत्य है कि जब तक बच्चा रोता नहीं, माँ भी दूध नहीं पिलाती। 👶🍼
- JCO का Gazetted Status
- AFT चेन्नई द्वारा Highlighted Pay Discrepancies
- 5th Pay Commission की Recommendations और सरकार का रुख
- Constitutional Violation: Article 266 और Article 14 का उल्लंघन
- Judicial Decisions: Pay Anomalies को Immediate Effect से दूर करने की आवश्यकता
- निष्कर्ष: JCOs के Constitutional Rights की सुरक्षा आवश्यक
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JCO का Gazetted Status
भारतीय सेना के Junior Commissioned Officers (JCOs), जिन्हें पहले Viceroy Commissioned Officer कहा जाता था, को भारतीय Reserve Forces Act, 1888, Indian Army Act, 1911, और Army Act, 1950 जैसे statutory laws के तहत Gazetted Status दिया गया है। यह स्टेटस उन्हें राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के Supreme Commander द्वारा प्रदान किया गया है, जो उन्हें Central Government के Gazetted Officers के समकक्ष मान्यता देता है। इस तथ्य की पुष्टि माननीय Armed Forces Tribunal (AFT), चेन्नई बेंच के आदेश में की गई थी, जिसमें उन्होंने JCOs के Gazetted Status और Pay Discrepancies पर प्रकाश डाला।
AFT चेन्नई द्वारा Highlighted Pay Discrepancies
माननीय AFT चेन्नई ने बताया कि Army के भीतर Pay Structure में बड़ी विसंगतियाँ हैं, खासकर Group X और Group Y/Z के बीच। उनके आदेश के अनुसार:
“पैरा 5: प्रतिवादी का कहना है कि Group X का Pay Scale अन्य ग्रुप्स (Y & Z) से अधिक है, जिसके कारण समान सेवा अवधि वाले Nb Sub Group Y और Hav Group X के Pension में अंतर है। यह तर्क स्वीकार्य नहीं है। एक Naib Subedar, जो एक Group B Gazetted Officer है, को किसी भी स्थिति में एक Havildar से अधिक Pay मिलना चाहिए। Indian Army Act, 1950 के Section 3(xii) के अनुसार, ‘Junior Commissioned Officer का मतलब ऐसा व्यक्ति है जो Regular Army में Junior Commissioned Officer के रूप में Commissioned, Gazetted, या Pay किया जाता है।’”
“पैरा 6: यह उल्लेखनीय है कि एक Havildar Non-Commissioned Officer है। यह स्पष्ट है कि JCO की रैंक, जो एक Gazetted और Commissioned Rank है, NCO से उच्च श्रेणी में आती है। निचले Grade के समान Service Personnel को उच्च Grade के व्यक्ति से अधिक Pension मिलना न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध है। 6th CPC में यह Anomaly नहीं थी, जो अब 7th CPC Pay Structure में देखी गई है और इसे Remedy करना आवश्यक है।”
5th Pay Commission की Recommendations और सरकार का रुख
5th CPC में यह प्रस्ताव रखा गया था कि JCOs की Functional Role की अहमियत को देखते हुए उन्हें Group B Gazetted Officers के समान Financial और Administrative Powers दिए जाएं और उनके Pay Scale में Parity सुनिश्चित की जाए। Army Headquarters ने 1998 में फिर से अनुरोध किया कि JCOs को Group B Gazetted Officers के Equivalent Pay मिले, परंतु इसे लागू नहीं किया गया।
18 दिसंबर 2017 को राज्यसभा में जवाब देते हुए सरकार ने स्वीकार किया कि, “Defence Service Personnel का Status उनके Civilian Counterparts के बराबर है और 7th CPC के तहत उनके Pay Fixation के Principles समान हैं।” यह Declaration सरकार के इस Stance को reinforce करता है कि JCOs और सिविलियन Gazetted Officers के बीच कोई Pay Disparity नहीं होनी चाहिए।
Constitutional Violation: Article 266 और Article 14 का उल्लंघन
Indian Constitution के Article 266 के तहत Consolidated Fund से केवल विधि द्वारा Appropriations की जा सकती हैं। परंतु JCOs की Pay Structure में कोई Statutory Amendment नहीं हुआ और Administrative Orders के माध्यम से यह बदलाव किया गया, जो Parliamentary Rights का उल्लंघन है। इसके परिणामस्वरूप Naib Subedar, जो Army का Junior Commissioned Officer है, उसे Air Force के समकक्ष Master Warrant Officer (MWO) से कम वेतन मिलता है। यह Situation Equality के Fundamental Right (Article 14) का उल्लंघन है।
Judicial Decisions: Pay Anomalies को Immediate Effect से दूर करने की आवश्यकता
माननीय पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के Jai Narain Jakhar vs Union of India केस में कहा गया कि, “वेतन विसंगति का पता चलने के बाद इसे तुरंत दूर करना आवश्यक है।” इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय ने भी में बरकरार रखा। इसका मतलब यह है कि JCOs की वेतन विसंगति को Legal Framework के तहत तुरंत Address किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष: JCOs के Constitutional Rights की सुरक्षा आवश्यक
JCOs की Pay Disparity उनके Constitutional Rights और सेना के अनुशासन का उल्लंघन करती है। यह समय की मांग है कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दे और JCOs की Pay Structure को Civil Services के Group B Gazetted Officers के समान बना कर उनके अधिकार और सम्मान को बनाए रखे।
JCO Gazetted Pay : Nb Sub Grade Pay 4800 Court Case
इस कसे के अगली सुनवाई 14 Nov 2024 को होने का आसार हैं हो सकता है की यह फाइनल हियरिंग भी हो।
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If JCO rank is B class gazetted officer why not pay grade equel to civ gazetted officer.
Civ B class gazetted officers all facilities like commission officer. Accomodation, mess, vehicle, seperate office. Officer power, IO etc.
But JCO all above power seized why?