परिचय: वर्दी में शिक्षक, जिनका योगदान अनदेखा!
भारतीय सेना में डायरेक्ट ट्रेन ग्रेजुएट्स शिक्षा अनुदेशक (Trained Graduate Education Instructors) न केवल सैनिकों को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करते हैं बल्कि आवश्यकतानुसार युद्ध में भी भाग लेते हैं। उनके महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद, वेतन समानता और पदोन्नति से जुड़े मुद्दे दशकों से विवादित रहे हैं। इस लेख में शिक्षा अनुदेशकों के इतिहास, उनके अधिकारों और वेतन विसंगतियों (Pay Anomalies) पर चर्चा की गई है।
1️⃣ भर्ती प्रक्रिया और सैन्य दर्जे की मान्यता
आर्मी एजुकेशनल कोर (AEC) में डायरेक्ट ट्रेन ग्रेजुएट्स को शिक्षा अनुदेशक के रूप में भर्ती किया जाता है। भर्ती प्रक्रिया के दौरान, इन्हें धारा 17, सेना अधिनियम 1950 के तहत “कर्तव्य के लिए उपयुक्त” घोषित किया जाता है।

🔹 सेना शिक्षा अनुदेशकों के महत्वपूर्ण अधिकार:
✅ सैन्य दर्जा (Military Rank): संविधान के अनुच्छेद 18(1) के अनुसार, सरकार सैन्य रैंक प्रदान करती है, लेकिन शिक्षा अनुदेशकों के लिए कोई वैधानिक नियम मौजूद नहीं है।
✅ वेतन का अधिकार: भारत के समेकित निधि (Consolidated Fund of India) से सभी सरकारी कर्मचारियों को वेतन दिया जाता है, लेकिन सेना शिक्षा अनुदेशकों के लिए कोई स्पष्ट वेतन संरचना निर्धारित नहीं है, जबकि नौसेना (Navy) के शिक्षा अनुदेशकों के लिए 1966 नौसेना वेतन और भत्ते विनियम (Navy Pay & Allowances Regulations, 1966) में इसे परिभाषित किया गया है।
2️⃣ वेतन विसंगतियां: समान कार्य, असमान वेतन ⚖️
हालांकि शिक्षा अनुदेशक प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT) होते हैं, फिर भी वे नागरिक शिक्षकों, वायुसेना और नौसेना के शिक्षा अनुदेशकों से कम वेतन पाते हैं।
📌 इतिहास में वेतन संरचना की तुलना:
पद | 4th CPC | 5th CPC | 6th CPC | 7th CPC |
---|---|---|---|---|
रक्षा मंत्रालय के नागरिक TGT | ₹1400-2600 | ₹5500-9000 | ₹4600 GP | लेवल 7 (₹44,900/-) |
वायुसेना शिक्षक (PRT/TGT) | ₹1350-1750 | ₹5000-9000 | ₹2800 GP | लेवल 5 (₹29,200/-) |
सेना शिक्षा अनुदेशक TGT | ₹1300-1700 | ₹4150 न्यूनतम | ₹2800 GP | लेवल 5 (₹29,200/-) |
💡 मुख्य समस्या: 5वें और 6वें वेतन आयोग ने समान वेतन की सिफारिश की थी, लेकिन इसे पूरी तरह लागू नहीं किया गया, जिससे यह विसंगति बनी रही।
3️⃣ सरकार की स्वीकार्यता, फिर भी समाधान नहीं! 🏛️
भारत सरकार ने इस मुद्दे को बार-बार स्वीकार किया है। राज्यसभा प्रश्न संख्या 188 (12.12.2017) के उत्तर में कहा गया था:
“रक्षा सेवा कर्मियों की स्थिति और पारिश्रमिक उनके समकक्ष नागरिक कर्मियों के बराबर है जैसा कि अग्रता की तालिका (Table of Precedence) में दर्शाया गया है।”
इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा 2012 में पांच-सदस्यीय समिति गठित की गई थी, ताकि वेतन विसंगतियों की समीक्षा की जा सके, लेकिन इसके सुझाव आज तक लागू नहीं किए गए।
4️⃣ वेतन समानता और नीति सुधार की आवश्यकता 📜
यह मुद्दा सिर्फ वेतन का नहीं है, बल्कि शिक्षा अनुदेशकों की शैक्षणिक योग्यता की उचित पहचान का भी है। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) और राष्ट्रीय व्यवसाय वर्गीकरण (NCO) पहले ही सेना शिक्षा अनुदेशकों को माध्यमिक विद्यालय शिक्षक (Secondary School Teachers) के बराबर मान चुके हैं। पहली बार यह मुड़ा कोर्ट के सामने रखा जा रहा है के AEC Instructor B.Ed भर्ती या फिर सर्विस के द्वरण B.Ed वालो को निम्न प्रकार TGT Grade का Pay Scale दिया जाए

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