OROP3 के सवाल 🤔
अब OROP 3 में जिनकी पेंशन नहीं बढ़ी, उसका क्या कारण हो सकता है? क्या पिछले 5 वर्षों में इस रैंक के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, या फिर उन्हें पहले ही अधिक पेंशन मिल रही थी? अगर ऐसा है, तो यह असमानता OROP 2 में ठीक क्यों नहीं की गई, जबकि इसे लागू करने में भी देरी हुई थी?
Table of Contents
OROP3 मैं पेंशन नहीं बढ़ ने का मुख्य कारण 🕵️♂️
सर्विस के दौरान 01.01.2006 को न्यूनतम वेतन का लाभ नहीं मिलना एक बड़ा कारण है। दरअसल, जो सैनिक पिछले वर्षों में रिटायर हुए हैं, वे लगभग 1996 में भर्ती हुए थे और अपने जूनियर्स से कम वेतन पा रहे हैं। उदाहरण के लिए, 1996 में भर्ती हुए एक हवलदार (Hav) का बेसिक पे 1 जनवरी 2006 को ₹8560 (4600 x 1.86) और ग्रेड पे ₹2800 था। जबकि 1996 के बाद प्रमोटेड हवलदार को ₹8560 से भी कम वेतन मिला है, तो उनकी पेंशन कैसे बढ़ेगी? इससे साफ है कि पिछले वर्षों में रिटायर हुए Armed Forces Personnel अपने जूनियर्स की तुलना में कम वेतन या न्यूनतम बेसिक पे के ऊपर इंक्रीमेंट का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। जब तक 1 जनवरी 2006 से न्यूनतम वेतन + इंक्रीमेंट का समाधान नहीं होता, यह असमानता OROP की गणनाओं को प्रभावित करती रहेगी, जिसे सुधारना बेहद ज़रूरी है।

Wrong Pension Fixation of 5th CPC ⚠️
एक और बड़ी समस्या 5th CPC की अनियमितताएँ हैं। 5th CPC की पेंशन टेबल्स पर नज़र डालने से कई असमानताएँ सामने आती हैं। जैसे, आर्मी के ग्रुप Z सेप की पेंशन और एयरफोर्स तथा नेवी के ग्रुप X की पेंशन लगभग समान है, जो ₹1275/- है। OROP का मकसद तीनों सशस्त्र बलों की पेंशन को बराबर करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी रैंक के अधिकारी या जवान की पेंशन आज रिटायर होने वाले अधिकारी या जवान के समान हो, जिसका पुनर्निर्धारण हर 5 वर्ष में होगा।
हालांकि, जब हम ग्रुप X के हवलदार की पेंशन की तुलना करते हैं, तो नेवी के कर्मियों को अधिक पेंशन मिल रही है। ग्रुप X के हवलदार की पेंशन ₹1731/- थी, जबकि ग्रुप X के सार्जेंट की ₹1802/- और नेवी के कर्मियों की ₹2156/- पेंशन थी। यह अंतर पेंशन गणनाओं में असमानता का संकेत है, जिसे सुधारना जरूरी है। इसी तरह, ग्रुप Y के हवलदार की पेंशन ₹1448/- और सार्जेंट एवं PO की ₹1500/- है।

OROP जैसे नीतिगत प्रयासों का लक्ष्य पेंशन के इन अंतरालों को खत्म करना है, लेकिन इन आंकड़ों से साफ है कि इस दिशा में अभी भी सुधार की आवश्यकता है। Armed Forces Personnel को समान पेंशन लाभ मिलना समय की मांग है। ⏳
Wrong Grade Pay Calculation in 6th CPC 🔍
यदि आर्टिफिसर III और हवलदार के रैंक को समान माना जाता है, तो 6th CPC के ग्रेड पे पर ध्यान देना आवश्यक है। नेवी में आर्टिफिसर III को उनकी तकनीकी विशेषज्ञता के लिए पहचाना जाता है, जबकि आर्मी में आर्टिफिसर का नाम बदलकर HMT (Hav Major Technician) कर दिया गया है।
6th CPC के अनुसार, इन समान रैंकों को अलग-अलग ग्रेड पे दिया गया है। जहाँ हवलदार को ₹2800 का ग्रेड पे मिला, वहीं नेवी के आर्टिफिसर III को ₹3400 का ग्रेड पे मिला। यह अंतर साफ करता है कि समान रैंक के बावजूद ग्रेड पे में बड़ा अंतर है। यह असमानता Armed Forces Personnel के बीच वेतन और सुविधाओं में संतुलन की आवश्यकता को दर्शाती है। ⚖️

जब ग्रुप X के लिए अलग से तकनीकी भत्ता दिया गया, तो ग्रेड पे में असमानता क्यों बनी रही, यह एक महत्वपूर्ण सवाल है। ग्रुप X के कर्मियों को तकनीकी कौशल के कारण अधिक वेतन और भत्ते मिलते हैं, फिर भी 6th CPC में ग्रेड पे में असमानता बनी रही।
JCO Gazetted Pay Still Pending 📝
आर्मी के JCOs (Junior Commissioned Officers) को संसद द्वारा गजटेड स्टेटस मिला है। रक्षा सेवा नियमों के अनुसार, नेवी में JCO का रैंक नहीं होता है, जबकि एयरफोर्स का MWO (Master Warrant Officer) आर्मी के Nb Sub (Naib Subedar) के समकक्ष है। Nb Sub का ग्रेड पे ₹4200 निर्धारित किया गया है, जो Nb Sub की गजटेड स्टेटस को डाउनग्रेड करता है।
Ministry of Labour ने Nb Sub क्लर्क को सेक्शन ऑफिसर के समकक्ष माना है, और सेक्शन ऑफिसर का ग्रेड पे ₹4800 है। इसलिए, Nb Sub का ग्रेड पे भी ₹4800 होना चाहिए। यह असमानता Armed Forces Personnel के बीच वेतन और सुविधाओं में संतुलन की आवश्यकता को दर्शाती है और इसे सुधारना अत्यंत आवश्यक है।

OROP3 मैं सामूहिक प्रयास की आवश्यकता 🤝
इस मुद्दे के समाधान के लिए ग्रुप Y और ग्रुप X के सभी कर्मियों को मिलकर काम करना होगा। यह सिर्फ एक व्यक्ति या कुछ लोगों का काम नहीं है, बल्कि पूरी कम्युनिटी का सहयोग चाहिए। ग्रुप X और ग्रुप Y के बीच समानता और न्याय की मांग को मजबूत करने के लिए कोर्ट में जाना जरूरी है।
चूंकि यह एक कानूनी प्रक्रिया है, इसमें वित्तीय सहायता बहुत जरूरी है। कानूनी लड़ाई के दौरान वकीलों की फीस, कोर्ट फीस और अन्य खर्चों को देखते हुए, आर्थिक सहयोग अनिवार्य हो जाता है। 💰

इसलिए, ग्रुप X और ग्रुप Y के कर्मियों को न केवल नैतिक रूप से साथ आकर काम करना है, बल्कि वित्तीय योगदान देकर इस प्रक्रिया को सफल बनाने में मदद करनी होगी। इस प्रकार का समर्थन ही इस मुद्दे का स्थायी समाधान दिला सकता है।
निष्कर्ष 🏁
इसलिए, OROP के कैलकुलेशन में सुधार के लिए यह जरूरी है कि सभी रैंक और सेवा काल के कर्मियों के बीच सही वेतन अंतर सुनिश्चित किया जाए, ताकि कोई भी रिटायर व्यक्ति अपने जूनियर्स से कम वेतन न पाए।
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Dear sir
If a Hav getting disability pension after 6 years of service retired before 1996. Is he get minimum pension (service pension)of Hav or Sep .What is the minimum service pension of Hav who hadn’t completed 15 years of service
Sir kindly explain me what is the rule.
Thanking you
[…] का कारण पहले ही पब्लिश हो चुका है ( click here ) अब PAO (OR) ने इस पर मुहर […]